इंटरनेट की लत एक बड़ी तबाही …………………..

इंटरनेट की लत एक बड़ी तबाही
कम्प्यूटर पर इंटरनेट की लत या ऑनलाइन रहने की लत एक मानसिक आवेग की समस्याओं में से एक है। यह एक मनोरोग विकार है जिससे पीड़ित व्यक्ति का स्वयं को या दूसरे लोगों को नुकसान पहुंच सकता है। दुनिया भर में ‘कम्पलसिव इंटरनेट यूज’ के कारण हो रहे दु:खद मामलों की बढ़ती संख्या देख कर जनता की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। पूरी दुनिया में इस लत के शिकार लोगों के आंकड़े और उनकी मानसिक हालत देख कर लगता है कि बहुत से लोग असल दुनिया को धत्ता बता कर डिजिटल वर्ल्ड की वर्चुअल दुनिया में अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। मनोचिकित्सों का कहना है कि युवाओं में इंटरनेट पर साइबर यौनावृत्ति, वयस्क चैटरूम, सोशल नेटवर्किंग, गेमिंग, बाध्यकारी ऑनलाइन जुआ, शेयर ट्रेडिंग, ऑनलाइन शॉपिंग आदि के लिए नेट पर मौजूद वेब पेजों की वजह से यह लत लग रही है। अक्सर वित्तीय और नौकरी संबंधित कार्यों एवं समस्याओं के निदान के लिए लोगों की नेट की मजबूरियां हो सकती हैं, परन्तु इसकी अधिकता से उन्हें भी कई जोखिम उठाने पड़ सकते हैं।केंद्रीय दूर संचार मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भारत में फिलहाल 24.30 करोड़ लोग इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं, जबकि 20 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास स्मार्ट फोन हैं ……

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